परिचय:
बिहार में अब ग्रामीण बैंकिंग व्यवस्था को और भी सरल और मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक और दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक का अब विलय कर दिया गया है। इस नए बदलाव के बाद दोनों बैंकों को एक ही नाम से जाना जाएगा—"बिहार ग्रामीण बैंक"। यह फैसला केंद्र सरकार की "एक राज्य-एक ग्रामीण बैंक" नीति के तहत लिया गया है।
"एक राज्य-एक ग्रामीण बैंक" नीति क्या है?
यह नीति पूरे देश में ग्रामीण बैंकिंग व्यवस्था को सरल बनाने के लिए बनाई गई है। इसके तहत, हर राज्य में केवल एक ही ग्रामीण बैंक रहेगा। इससे न केवल प्रबंधन आसान होगा, बल्कि संसाधनों का बेहतर उपयोग भी संभव हो पाएगा।
विलय का उद्देश्य:
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ग्रामीण बैंकिंग को और मजबूत बनाना
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संचालन में पारदर्शिता और सरलता लाना
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डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा देना
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खर्चों में कटौती कर सेवाओं को बेहतर बनाना
इस बदलाव के लाभ:
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गांव-गांव तक बैंकिंग पहुंच: अब सुदूर इलाकों में भी बैंकिंग सेवाएं आसानी से पहुंच सकेंगी।
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आर्थिक विकास को गति: ग्रामीण लोगों को ऋण, बचत और अन्य बैंकिंग सुविधाएं मिलने से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।
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डिजिटल सेवाओं में वृद्धि: एकीकृत प्रणाली से डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा मिलेगा, जिससे ग्रामीण जनता भी ऑनलाइन लेन-देन में सक्षम होगी।
नया नाम और मुख्यालय:
अब इन दोनों बैंकों को "बिहार ग्रामीण बैंक" के नाम से जाना जाएगा और इसका मुख्यालय पटना में होगा। इस विलय के बाद यह बैंक बिहार का सबसे बड़ा ग्रामीण बैंक बन चुका है।
निष्कर्ष:
उत्तर और दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंकों का एकीकृत रूप "बिहार ग्रामीण बैंक" न केवल एक प्रशासनिक बदलाव है, बल्कि यह ग्रामीण विकास की दिशा में एक सशक्त कदम भी है। इससे गांवों में आर्थिक गतिविधियों को नई ऊर्जा मिलेगी और बैंकिंग को हर व्यक्ति की पहुंच तक लाना संभव होगा।